हे दुखनाशक श्री भैरवनाथ! आपके भक्त सुन्दरदास ने प्रयाग के निकट दुर्वासा में प्रेम पूर्वक… श्री गणपति गुरु गौरी पद, प्रेम सहित धरि माथ । —Ensuring that top-quality raga know-how will continue being open to all, for free of charge: cost-free from commercial motive!— भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं Kaal Bhairav is https://www.youtube.com/@tantramantraaurvigyaan