चाहे राधा हो या हो मीरा, सबके हिस्से में आई ये तन्हाई। मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं, मंज़र लखनवी टैग : दिल शेयर कीजिए आह-ओ-ज़ारी ज़िंदगी है बे-क़रारी ज़िंदगी राहत इंदौरी की ग़ज़लें आपको उर्दू साहित्य के सौंदर्य से परिचित कराएंगी, जो नीचे दी गई हैं- https://youtu.be/Lug0ffByUck