ॐ ह्रीँ ज्वालामुख्यै पद्मावत्यै नमः । बावन भैरूं चौसठ जोगिन, उसटा चक्र चलावै वाणी : ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। प्रस्तुत मन्त्र को गुरुगोरखनाथ के सिद्ध स्थान में बैठकर अथवा रूद्रदेव के मन्दिर में बैठ एक हजार बार करना चाहिए। अथवा देवी मन्दिर में बैठकर भी सिद्ध किया जा https://edwinmicwp.thechapblog.com/31613061/most-powerful-sarv-karya-sidh-shabar-mantra-karya-siddhi-shabar-mantra-most-powerful-shabar-mantra-things-to-know-before-you-buy