ऊपर दिए गए लंबे मंत्र की तरह यह भी लंबा है, लेकिन उच्चारण में सरल है। वह इस प्रकार है- ऊँ ऐं हीं श्रीं हीं हूं हैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, ‘‘ऊँ क्रीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा।’’ Whilst it demands clarity of intention along with a https://bbsocialclub.com/story21152950/an-unbiased-view-of-love-vashikaran